ब्रिस्बेन टेस्ट : 'बहादुर युवाओं' ने भारत की सिर बांधा जीत का सेहरा
January 19,2021ब्रिस्बेन, 19 जनवरी | भारत की युवा क्रिकेट
टीम ने अपने जबरदस्त जुझारूपन और बहादुरी के दम पर चौथे और आखिरी टेस्ट मैच
के पांचवें दिन मंगलवार को आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा
बॉर्डर-गावस्कार ट्रॉफी अपने पास ही रखी है।
चौथे और आखिरी टेस्ट मैच को जीतने के लिए भारत को 328 रन बनाने थे, जो उसने
शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत की बेहतरीन पारियों के दम पर सात
विकेट खोकर बना लिए।
मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर की गेंदबाजी का भी योगदान इस जीत में काफी अहम रहा।
भारत
को ए़िडलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में जिस तरह से हार का सामना करना
पड़ा था उसके बाद कई दिग्गजों ने भारत को नकार दिया था। विराट कोहली के
स्वदेश लौटने के बाद टीम की स्थिति भी कमजोर लग रही थी लेकिन कार्यवाहक
कप्तान अंजिक्य रहाणे की कप्तानी में टीम ने बाकी के बचे तीन टेस्ट मैचों
में जिस तरह का दृढ़संकल्प, प्रतिस्पर्धा, प्रतिद्वंदिता दिखाई उसका परिणाम
रहा कि भारत ने आस्ट्रेलियाई जमीन पर अपना परचम लहराया।
गाबा
इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट मैच से पहले भी भारत चोटों से
परेशान थी। जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और हनुमा
विहारी भी चोटिल हो गए थे। भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण इस मैच में बेहद
अनुभवहीन और युवा था बावजूद इसके भारत ने आस्ट्रेलिया को पटक चार मैचों की
टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम की।
आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में
मार्नस लाबुशैन के 108, टिम पेन के 50 रनों के दम पर 369 रन बनाए थे।
भारतीय बल्लेबाजों ने किसी तरह अपनी पहली पारी में 336 रन बनाए थे। पहली
पारी के आधार पर आस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 33 रनों की बढ़त के साथ ही
उतरी थी। दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज के पांच और शार्दूल ठाकुर के चार
विकेट के दम पर भारत ने आस्ट्रेलिया को 294 रनों पर समेट दिया था। फिर भी
भारत को 328 रनों का मुश्किल लक्ष्य मिला था।
भारत ने हालांकि इस
लक्ष्य को आसान बना दिया और एक बेहतरीन जीत हासिल कर इतिहास रचा। चौथे दिन
भारत ने 1.5 ओवर ही खेले थे और चार रन बनाए थे। बारिश के कारण दिन का खेल
खत्म हो गया था।
पांचवें और आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 324 रन
बनाने थे। रोहित शर्मा के दिन के सातवें ओवर में सात के निजी स्कोर पर आउट
होने के बाद यह चुनौती और मुश्किल हो गई थी। लेकिन गिल, पंत जैसे युवा
कंधों ने पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ी के साथ मिलकर टीम की जीत की इबारत
लिखी।
रोहित के जाने के बाद गिल और पुजारा ने 114 रनों की साझेदारी
कर भारत की जीत की उम्मीदों को जगा दिया। भारत ने पहले सत्र में रोहित का
विकेट ही खोया था।
युवा बल्लेबाज गिल अपने तीसरे टेस्ट मैच में ही
शतक की ओर बढ़ रहा था लेकिन नौ रन पहले ही नाथन लॉयन ने गिल को स्टीव स्मिथ
को आउट कर भारत को 132 के कुल स्कोर पर दूसरा झटका दिया। गिल ने 146
गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके और दो छक्कों की मदद से 91 रन बनाए।
कप्तान अजिंक्य रहाणे 24 रन ही बना सके और 167 के कुल स्कोर पर पैट कमिंस की गेंद पर आउट हो गए।
कप्तान
के जाने के बाद पंत ने मैदान पर कदम रखा। चायकाल तक भारत ने तीन विकेट
खोकर 183 रन बना लिए थे। आखिरी सत्र में भारत को जीत के लिए 145 रनों की
दरकार थी।
चायकाल के बाद पुजारा के आउट होने के बाद भारत को एक और
बड़ा झटका लग गया। अर्धशतक पूरा करने के बाद पुजारा 228 के कुल स्कोर पर
कमिंस का शिकार बन गए। पुजारा और पंत ने चौथे विकेट के लिए 61 रन जोड़े।
पुजारा ने 211 गेंदों पर 56 रन बनाए और सात चौके मारे।
पुजारा के
जाने के बाद पंत ने थोड़ी आक्रामकता दिखानी शुरू की। इसी बीच मयंक अग्रवाल
(9) लूज शॉट खेल कर कमिंस की गेंद पर मैथ्यू वेड को शॉर्ट एक्सट्रा कवर पर
कैच दे बैठे।
पंत हालांकि बिल्कुल भी घबराए नहीं। शांत रहते हुए
उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर (22) के साथ एक और 53 रनों की अहम साझेदारी कर
भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया।
भारत को जीत के लिए जब 10 रन
चाहिए थे तब सुंदर भी आउट हो गए। शार्दूल ठाकुर भी दो रन बनाकर आउट हो गए।
पंत ने चौका मार भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। पंत 89 रनों पर नाबाद रहे।
उन्होंने 138 गेंदों का सामना करते हुए नौ चौके और एक छक्का मारा।
आस्ट्रेलिया के लिए कमिंस ने चार, अपना 100वां टेस्ट खेल रहे लॉयन ने दो और हेजलवुड ने एक विकेट लिया।