महाराष्ट्र : नागपुर जिला परिषद चुनावों में बीजेपी को करारी हार

January 09,2020

मुंबई, महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के बाद अब छह जिला परिषदों के चुनाव में बीजेपी कुछ ख़ास नहीं कर सकी। यहाँ तक की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के गढ़ नागपुर में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा पालघर की सीट भी बीजेपी गँवा बैठी है। जिस तरह से महाराष्ट्र में बीजेपी का रसूख में कमी हो रही है, उससे पार्टी के लिए आनेवाला समय थोड़ा चिंताजनक होगा।

अगर हम केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के गाँव नागपुर के धापेवाड़ा की बात करें तो यहाँ भी बीजेपी को कांग्रेस के हाथो हार का सामना करना पड़ा। यहाँ जिला परिषद हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र डोंगरे को जीत मिली है और इसके साथ ही 31 सीट जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है। वहीं इस हार से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, विधानसभा में बीजेपी नेता (विपक्ष) देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मंत्री चंद्रकांत बावनकुले की प्रतिष्ठा को भी भारी शांति पहुंची है।

अगर हम महाराष्ट्र के पालघर की बात करें तो यहाँ भी बीजेपी को शिकस्त मिली है। यहाँ तो बीजेपी इस जिला परिषद के चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बन के रह गयी है। जहाँ शिवसेना 18 सीटें जीतकर प्रथम पायदान पर है, वहीं एनसीपी 14 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर काबिज है। यहाँ बीजेपी सिर्फ 12 सीटें ही कमा सकी हैं। अगर हम उत्तर महाराष्ट्र की धुले जिला परिषद की बात करें तो बीजेपी को यहाँ बहुमत मिला है। यहां की कुल 54 सीटों में से बीजेपी ने 39 सीटों पर जीत दर्ज की है। विदित हो कि धुले, पूर्व मंत्री जय कुमार रावल का क्षेत्र है और इस जीत का श्रेय भी उनके खाते में गया दिख रहा है। वहीं कलमेश्वर तालुका की सीट इस बार आरक्षित वर्ग(एससी) के लिए सुरक्षित राखी गयी थी।

विदित हो कि नागपुर जिला परिषद में कुल जमा 58 सीटें हैं। इसके चुनाव के लिए मंगलवार ७ जनवरी को मतदान हुआ था। वहीं कल बुधवार ८ जनवरी को इन सीटों की मतगणना शुरू हुई थी। आपको बता दें कि इन चुनावों में बीजेपी को बड़ी करारी हार मिली है। लेकिन यह भी प्रासंगिक है कि बीजेपी के संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) का मुख्यालय भी महाराष्ट्र के नागपुर में स्तिथ है। वैसे एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिलका कहना है कि, "विदर्भ के नागपुर से बीजेपी के पतन की शुरुआत हो चुकी है। महा विकास अघाड़ी ने निर्विवाद रूप से अपना वर्चस्व महाराष्ट्र में स्थापित किया है। वहीं नागपुर के लोगों ने देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है, यह संदेश पूरे महाराष्ट्र में जाएगा।" तो क्या यह मान लिया जाए की यह बीजेपी के पतन की शुरआत है। या फिर यह भी तो संभव है कि कही बीजेपी को नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस के बीच किसी अवचेतन अंतर्द्वंद की कीमत चुकानी पड़ रही है।