कम्प्यूटर व मोबाइल गेम के बीच पतंगें भी हुई हाईटेक
January 12,2020नागपुर. मकर संक्रांति पर आसमान में सतरंगी क्रांति होगी. कम्प्यूटर व मोबाइल गेम के बीच अब पतंगें भी हाईटेक हो रही हैं. युवाओं और बच्चों में इसका क्रेज दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है. इसके लिए आरेंज सिटी का पतंग बाजार पूरी तरह से स्टाइलिश पतंगों व विशेष प्रकार की चकरी के साथ सज गए हैं. अब युवा और बच्चों के एक्साइटमेंट भी पतंग की तरह आसमान छूने को तैयार है. पेंच लड़ाने के लिए एकदम बेसब्र. अभी संक्रांत को 2-3 दिन ही हैं.
बच्चे और युवा पतंग बाजार में पहुंचकर पतंगों की खरीदी में लगे हैं. बाजार में कलरफुल फैंसी पतंगों के साथ जहां मोदी पतंग छाई हुई है, वहीं बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर डिजाइन की पतंगें बिक रही हैं. इसमें शिनचेन, स्पाइडरमैन, छोटा भीम, मिकी माउस प्रिंटेड कई वेरायटी में पतंगें खास हैं. इसके अलावा बलून व पैराशूट पतंग भी आसमान में धमाल मचाने के लिए तैयार हैं. मकर संक्रांति पर्व के दौरान कई स्थानों पर पतंग महोत्सव जैसा नजारा होता है, लेकिन आरेंज सिटी के गगन में तो पतंग अभी से ही उड़ान भरती हुई देखी जा सकती है.
वैलेंटाइन डे वाली पतंग भी मार्केट में
बच्चे अपने कार्टून कैरेक्टर को किसी भी क्षेत्र में नहीं छोड़ना चाहते, फिर
चाहे वह टीवी का क्षेत्र हो या पतंग का. इन दिनों मार्केट में छाए अलग-अलग
कार्टून कैरेक्टर में स्पाइडरमैन, छोटा भीम, डोरेमॉन, बैनटेन, एयरोप्लेन,
बटरफ्लाई व चमगादड़, पैराशूट व ईगल आकार वाली पतंगें बच्चों के बीच आकर्षण
का केंद्र बनी हुई हैं. वहीं लव कपल के लिए वैलेंटाइन डे वाली पतंग भी
आकर्षित कर रही है. बच्चे अपने माता-पिता से इन्हीं पतंगों की डिमांड कर
रहे हैं.
पतंग व्यापारी बताते हैं कि पतंगों का बाजार वैसे तो 15 अगस्त से शुरू हो जाता है, लेकिन इसका मार्केट दिसंबर, जनवरी से ही जोर पकड़ता है, जो कि 26 जनवरी तक चलता है. अभी 3 दिन पहले हुई बारिश से लग रहा था कि मार्केट में पूरी तरह से उठाव नहीं आयेगा, लेकिन धूप खिलने से फिर से बाजार में ग्राहकों की वापसी हुई है. अब 2 से 3 दिन इसी तरह का खुला-खुला मौसम रहेगा, तो अच्छा व्यापार होगा. नाग नदी चौक से लेकर गजानन चौक तक कम से कम 70 से 80 दूकानें लगती हैं. यहां पर हर तरह की छोटी से बड़ी पतंगें मिलती हैं. वहीं इस समय शहर के हर गली-मुहल्लों में सजी दूकानों में बच्चों की भीड़ देखी जा सकती है.
लाखों का होता है कारोबार
संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इस दिन
पतंग उड़ाने का एक विशेष ही महत्व होता है. इस एक दिन के त्योहार में लाखों
पतंगें उड़ती हैं. इसी एक दिन पूरे शहर में पतंग और मांजे से लाखों का
कारोबार होता है. पतंगें दिल्ली, नोएडा, बरेली, बंगलुरू, कोलकाता व गुजरात
से मंगाई जाती हैं. इसमें प्लास्टिक, जर्मन ताव, जिलेटिन व कपड़े से तैयार
विविध तरह की पतंगें हैं. जिस तरह ड्रैगन ने हर मार्केट में अपना वर्चस्व
कायम रखा है, उसी तरह पतंग में भी चायना पतंग कुछ खासी ही आकर्षित कर रही
हैं.
चायना की पतंगें झिल्लीदार पतले कपड़ों से अलग-अलग डिजाइन में मार्केट में आई हुई हैं. इनमें चीनी डॉल, ड्रैगन व ईगल जैसी अनेक डिजाइन हैं, जो काफी पसंद की जा रही है. इस बार मांजों के भाव तो स्थिर हैं, लेकिन पतंगों के 15 से 20 प्रश मूल्य बढ़े हैं. इनका मूल्य बढ़ने के बावजूद भी पतंगों का क्रेज कम नहीं है. आमतौर पर पतंगों में 34.5 साइज की पतंग सबसे अधिक चलती है.
5 से लेकर 10 ताव तक की पतंग
मार्केट में कई फैंसी पतंगों के साथ ही बालीवुड हीरो-हीरोइन्स, सबका चहेता
तारक मेहता का उल्टा चश्मा, क्रिकेट स्टार्स के साथ-साथ भगवान वाली पतंगों
और मोदी पतंग की अच्छी डिमांड बनी हुई है. पतंगें 5 ताव से लेकर 10 ताव
(10&10) तक बनती हैं.