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नागपुर :- भाजपा के (काटाेल से) नाराज चल रहे विधायक आशीष देशमुख का इस्तीफा आखिरकार स्वीकार कर लिया गया है। जिससे देशमुख के इस्तीफे से नागपुर की काटोल विधानसभा की सीट रिक्त हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने देशमुख का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसके साथ ही काटोल सीट रिक्त होने के संबंध में विधानमंडल की तरफ से 6 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है। काटोल विधानसभा सीट रिक्त होने के बारे में विधानमंडल ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर सूचित किया है। काटोल की सीट रिक्त होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव होना तय है। क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में अभी साल का समय है। देशमुख कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने साफ किया है कि वे विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक नहीं है।
आघाड़ी सरकार के समय इस सीट पर कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री अनिल देशमुख चुनाव लड़ते आए हैं। २०१४ के विधानसभा चुनाव में आशीष देशमुख ने इस सीटे से अपने चाचा अनिल देशमुख को पराजित किया था। फिलहाल आशीष का कांग्रेस प्रवेश भी लंबित है। कहा जा रहा है कि पार्टी छोड़ने पर आशीष जैसी स्थिति न होने की आशंका के कारण ही कुछ विधायक मौन साधे हुए हैं, अन्यथा वे भीतरी तौर पर अपनी कसमसाहट व्यक्त कर चुके हैं। अकेले बल पर राज्य में सत्ता में लौटने के प्रयास में जुटी भाजपा को अपने ही असंतुष्ट विधायकों को संभालने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। काटाेल से विधायक पद का इस्तीफा दे चुके आशीष देशमुख लंबे समय से खुले तौर पर पार्टी व पार्टी नेताअों के विरोध में बोलने लगे थे, लेकिन पार्टी की ओर से उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।
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